Shooting शूटिंग, निशानेबाजी हिस्ट्री in India, National Rifle Association of India (NRAI), Shooting Rules and Regulations/निशानेबाजी के नियम, How to Aim, Shooting Event Types, Rifle Shooting, Pistol Shooting, Shotgun Event, Shooting Official Website, निशानेबाजी चैंपियनशिप, FAQ About Shooting Sports.
शूटिंग अर्थात निशानेबाज़ी भारत का काफी प्रचलित खेल है। इस खेल को बच्चो ले लेकर बूढ़ो तक सभी पसन्द करते है। इस खेल को प्राचीन समय से खेला जाता रहा है। निशानेबाज़ी व तीरंदाजी जैसे खेल पार्चीन काल से ही प्रचलित है।
यह एक ग्रीष्म कालीन ओलिंपिक खेल है। यह एक इनडोर खेल है। नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) की स्थापना 1951 में भारत में शूटिंग खेलों को बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
लोकसभा के पहले स्पीकर श्री। जी.वी. मावलंकर NRAI के संस्थापक और पहले राष्ट्रपति थे और उनके बाद Sh.Govind Vallabh Pant, Sh. लाल बहादुर शास्त्री, श्री।
निशानेबाजी हिस्ट्री in India
Table of Contents
नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) का गठन 17 अप्रैल 1951 को भारत में शूटिंग स्पोर्ट के विकास के उद्देश्य से किया गया था। श्री जी.वी. मावलंकर इसके संस्थापक अध्यक्ष थे जो लोकसभा के पहले अध्यक्ष भी थे।
वह एक महान दूरदर्शी थे और उनके अथक प्रयासों से शूटिंग फेडरेशन को ताकत मिली। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें “लोकसभा का जनक” कहा था, इसलिए वह भारत में शूटिंग स्पोर्ट के जनक भी श्री जी.वी. मावलंकर थे।
1953 में लोकसभा ने एक प्रस्ताव पारित किया और पूरे भारत में अपनी राइफल एसोसिएशन के माध्यम से प्रशिक्षण देने के लिए एनआरएआई को सौंपा।
How to Aim
12 गेज (गेज – फायर आर्म को मापने की इकाई। शॉटगन की गेज में सामान्य वज़न की गोल गेंदें होती हैं जो कि लैड नामक सामग्री से बनाई जाती है ताकि वह गन के अंदरूनी बैरल में फिट हो सके, इसका कैलिबर 18.5 मिलीमीटर का होता है।
खेल के दौरान शूटर एक स्पेशल जैकेट का प्रयोग करता है। इस जैकेट की ख़ास बात यह है कि यह शूटर के शरीर को बेहतर ग्रिप (पकड़) प्रदान करता है और रीकॉइल (शॉट के दौरान लगने वाला झटका) के प्रभाव को कम करता है।
यह सबसे ज़यादा फायदा राइफल शूटर को पहुंचता है। कोहनी पर लगी पैडिंग खिलाड़ी को एक सटीक बेस प्रदान करता है जिससे खिलाड़ी का संतुलन बना रहता है। यह सबसे ज़्यादा कारगर राइफल निशानेबाज़ों के लिए होता है,
जब वह प्रोन पोज़िशन में खेलते हैं। इसके साथ-साथ निशानेबाज़ ब्लाइंडर (जो कि फोकस बढ़ाता है) और ब्लॉक ऑब्जेक्ट (जो कि नज़र को टिकाता है) का भी इस्तेमाल करता है।
National Rifle Association of India (NRAI)
भारत में खेलों को बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से 1951 में National Rifle Association of India (NRAI) की स्थापना की गई थी। वर्तमान में NRAI के अध्यक्ष श्री हैं। रणिंदर सिंह, जो पटियाला रॉयल फैमिली से एक बहुत ही उत्सुक और कुशल निशानेबाज हैं।
इंडियन स्पोर्ट एंड सोसाइटी में शूटिंग का एक अलग इतिहास रहा है, जो अतीत में रॉयल्टी के लिए एक खेल था यह अब जनता के बीच एक प्रमुख प्रतिस्पर्धी खेल है। यह खेल पूरी दुनिया में लोकप्रिय है।
Sports | Shooting |
Federation | National Rifle Association of India (NRAI) |
President | Shri. Raninder Singh |
Founded | 1951 |
RULES | NRAI-Rules-and-Regulations |
Official Website | CLICK HERE |
Shooting Event Types
1986 एथेंस गेम्स के दौरान शूटिंग में महज़ 5 इवेंट का आयोजन किया गया था लेकिन वक़्त के साथ लोगों में रूचि बढ़ी जिसके मद्देनज़र इस खेल से जुड़े इवेंट को बढ़ा दिए गए। आपको बता दें टोक्यो में कुल मिलाकर शूटिंग में 15 इवेंट का आयोजन किया जायेगा।
शूटिंग स्पोर्ट्स कई भोगो में बाटा गया है-
- The Rifle
- The Pistol
- The Shotgun
1. Rifle Shooting
- शूटिंग खेल में निशाना तय दूरी से लगाया जाता है।
- यह इवेंट दो भागों में विभाजित है – 50 मीटर राइफल और 10 मीटर एयर राइफल।
- 50 मीटर एयर राइफल में खिलाड़ी नीलिंग (घुटने के बल बैठ कर), प्रोन (लेट कर) और स्टैंडिंग (सीधा खड़ा होकर) पोज़िशन निशाना साधता है।
- हर खिलाड़ी 2 घंटे 45 मिनट में 40 शॉट खेलता है।
- 40 खिलाड़ियों में से केवल टॉप 8 खिलाड़ी आगे जाते हैं जहां वह मेडल के लिए दोबारा खेलते हैं।
- 10 मीटर एयर राइफल में हर खिलाड़ी 60 शॉट खेलता है और इसका समय होता है
- 1 घंटा 15 मिनट इसमें भी टॉप 8 खिलाड़ी मेडल जीतने के लिए आगे बढ़ते हैं।
- पुरुष व महिला के बाद मिक्स्ड टीम का भी मुकाबला होता है
- जिसमें एक पुरुष और महिला खिलाड़ी होती है।
- क्वालिफिकेशन राउंड में हर टीम का प्रत्येक खिलाड़ी 50 मिनट में 40 शॉट खेलता है
- टॉप 5 टीमें फाइनल राउंड का हिस्सा बनती हैं।
2. Pistol Shooting
- पिस्टल शूटिंग खेल तीन भागों में विभाजित है – 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल, 25 मीटर पिस्टल और 10 मीटर एयर पिस्टल।
- 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल केवल पुरुष खिलाड़ियों के बीच खेला जाता है
- जिसमें हर खिलाड़ी को 30-30 शॉट खेलने होते हैं और टॉप 8 खिलाड़ी ही क्वालिफाई कर सकते हैं।
- वहीं दूसरी तरफ 25 मीटर पिस्टल नामक खेल में केवल महिलाएं ही हिस्सा लेतीं हैं।
- 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल इवेंट में दोनों महिलाएं और पुरुष अलग-अलग हिस्सा लेते हैं,
- इसमें 30-30 शॉट के 2 राउंड खेले जाते हैं।
- 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट के नियम लगभग 10 मीटर एयर राइफल इवेंट जैसे ही होते हैं।
- मेंस और वूमेंस राउंड में हर खिलाड़ी 1 घंटा 15 मिनट के समय में 60 शॉट खेलता है
- टॉप 8 खिलाड़ी क्वालिफाई राउंड को पार कर आगे जाते हैं।
- मिक्स्ड टीम में हर साथी खिलाड़ी को 40-40 शॉट खेलने की अनुमति होती है
- जिसमें टॉप 5 टीमें आगे चलकर मेडल जीतने के लिए अपना माद्दा दिखाती है
- शॉटगन इवेंट स्कीट और ट्रैप इवेंट दो भागो में विभाजित हैं
- जिनमें खिलाड़ी उड़ती वस्तु (क्ले) पर निशाना साधता है।
- दोनों ही इवेंट में पुरुष और महिला खिलाड़ी भाग लेते हैं और “ट्रैप” में मिक्स्ड टीमें भी भाग लेती हैं।
3. Short gun Event
- निशानेबाजी कैसे सीखें शॉटगन इवेंट स्कीट और ट्रैप नामक इवेंट दो भागो में विभाजित हैं
- जिनमें खिलाड़ी उड़ती वस्तु (क्ले) पर निशाना साधता है। दोनों ही इवेंट में पुरुष और महिला खिलाड़ी भाग लेते हैं और “ट्रैप” में मिक्स्ड टीमें भी भाग लेती हैं।
- स्कीट इवेंट में दोनों पुरुष और महिला खिलाड़ी 8 अलग-अलग स्थानों से फायर करते हैं जिन्हें शूटिंग की भाषा में “स्टेशन” कहा जाता है। वहीं दूसरी तरफ क्ले दो जगहों से उड़ाई जाती है-
- शूटिंग रेंज की बाएं और दाएं हिस्से से। इन दोनों जगहों को “हाउस” कहा जाता है।
- रेंज के बाएं तरफ से उड़ाने वाली जगह को “हाई हाउस” और उड़ने वाली क्ले को “मार्क” कहा जाता है।
- इसी तरह रेंज के दाएं हिस्से को “लो हाउस” और क्ले को “पुल” कहा जाता है।
- हर एथलीट 25 बार निशाना साधता है और यह इवेंट कुल मिलाकर 3 दिनों तक चलता है।
- इस खेल में टॉप 6 खिलाड़ी मेडल जीतने की रेस में शामिल होते हैं।
- ट्रैप इवेंट में क्ले खिलाड़ियों के सामने 5 अलग-अलग जगहों से उछाली जाती है।
- मेंस और वूमेंस वर्ग के नियम “स्कीट” के नियमों जैसे ही होते हैं, और मिक्स्ड टीम में हर साथी खिलाड़ी 25 शॉट के 3 राउंड खेलता है
- कुल मिलाकर 75 शॉट हर खिलाड़ी के हिस्से में आते हैं।
- टॉप 6 टीमों को आगे जाने का मौका मिलता है, जो कि मेडल जीतने के बेहद करीब होते हैं।
Shooting Rules and Regulations/निशानेबाजी के नियम
- हर फायर आर्म्स का ध्यान रखे जैसे कि इसे लोड किया गया था।
- बैरल को एक सुरक्षित दिशा में रखें।
- मस्ती या मज़ाक में कभी बन्दूक की नोक या शूटिंग रेंज स्थल पर बात न करें।
- अपनी उंगलियों को ट्रिगर से दूर रखें। अपने फायर आर्म्स सुरक्षा उपकरण पर भरोसा न करें।
- हमेशा आंख और कानो में सुरक्षा गार्ड पहनें।
- अपने लक्ष्य की ध्यान बनाये रखे।
- उपयोग में न होने पर बन्दूक या पिस्तौल को उतार कर रखें।
- फायर आर्म्स को फायरिंग लाइन से ही शूट किया जाना चाहिए और कहीं नहीं।
- शूटिंग मैदान पर या उसके आसपास रखी गई सभी बंदूकें सुरक्षा की स्थिति में होनी चाहिए।
- अपनी बंदूक को सही गोला बारूद या बुलेट के साथ लोड करें।
- आपके द्वारा उपयोग बन्दूक के बारी में आपको पूर्ण जानकारी होने चाइय की व लोडेड है या नहीं।
- किसी भी जगह पर मैदान पर शूटिंग करते समय लक्ष्य स्थल पर ही निशाना लगाये।
- राइफल एक सिंगल-लोडेड गन है, जिसका कैलिबर 5.6 मिलीमीटर (गन की बैरल का अंदरूनी व्यास) होता है और यह गन राइफल से जुड़े हर इवेंट में प्रयोग होती है।
- वहीं पिस्टल गन 4.5 मिलीमीटर कैलिबर का प्रयोग 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में होता है और 5.6 मिलीमीटर कैलिबर का इस्तमाल 25 मीटर इवेंट में किया जाता है जिसमें 5 शॉट मैगज़ीन का जुड़ाव होता है।
- निशानेबाजी के खेल परिसर को क्या कहा जाता है– रेंज
निशानेबाजी चैंपियनशिप
चैंपियनशिप में आप किस प्रकार हिस्सा ले सकती है। ये दो प्रकार की होती है। 1.ऑफिसियल चैंपियनशिप 2. ओपन चैंपियनशिप
ऑफिसियल चैंपियनशिप
इस प्रकार की प्रतियोगिता से अपन काफी लाभ उठा सकते है। जैसे की किसी भी स्पोर्ट्स से रेलेटेड भर्ती को फायदा ऑफिसियल सर्टिफिकेट से लिया जा सकता है।
तथा गवरमेंट द्वारा दी जाने वाली जो भी सहायता राशि है वो फेडरेशन से समंदित अगर कोई भी टूर्नामेंट खेला है तो ही प्राप्त होगी। कोई भी स्पोर्ट्स हो आपको उस से समंदित इवेंट ही खेलना चाहिय। जिसका पूरा लाभ आप उठा सके।
क्यों की बहुत से फ़र्ज़ी टूर्नामेंट होते जो खिलाडी बिना किसी जानकारी के खेल लेते है। जिनका फिर उनको आगे कोई फायदा नहीं मिलता है। किसी प्रकार के कोई भी इवेंट में हिस्सा लेने से पहले उस से रेलेटेड फेडरेशन के बारे में जरूर जाने ले।
ओपन चैंपियनशिप
जिसका आयोजन कोई भी कर सकता है। जो रेलेटेड स्पोर्ट्स से हो ओपन चैंपियनशिप का आपको किसी भी जॉब या गवरमेंट द्वारा दिए सहायता धन राशि का लाभ आप नहीं उठा सकते है। इस प्रकार की प्रतियोगिता को आप अपने इवेंट की अनुभव के लिय और अपने तैयारी को और अच्छा करनी के लिय खेल सकती है।
इसकी अलावा आपको कोई फायदा नहीं मिलिगा। किसी भी इवेंट में भाग लेने से पहले आप जरूर जांच कर ले की वो किस प्रकार की प्रतियोगिता है। आप अपने धन की बर्बादी तो नहीं कर रहे।
FAQ About Shooting Sports
Answer- Chandro Tomar.
Answer- 9 Year.
Answer- Sig Sauer KILO 2400BDX 7X25mm Laser Rangefinder.
Answer- Shri. Raninder Singh.
Answer- 1951.
नोट
आप जिस भी स्पोर्ट्स से रेलेटेड है। उसकी अपनी एक ऑफिसियल फेडरेशन है। अर्थात उसको इंडियन ओलम्पिक एसोसिएशन मान्यता प्राप्त है। अगर वो कोई भी ओपन इवेंट या चैंपियनशिप का आयोजन करती है
तो उसका आपको कुछ जगह फायदा मिल सकता है। जैसे स्पोर्ट्स जॉब कुछ रैंकिंग इम्प्रूव टूर्नामेंट होती है। उनका आपका पता रखना होगा। उस इवेंट के लेटर में ये आप पढ़ सकती है। की वो किस फेडरेशन या स्पोर्ट्स से सम्बंद है।
Admin-
आप किसी भी स्पोर्ट्स कोटा से सम्बंधित स्पोर्ट्स भर्ती की जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट कर सकते है जो की है – Gosportsindia.com स्पोर्ट्स कोटा भर्ती या अन्य आर्मी रैली के बारे में अपना सुझाव कमेंट बॉक्स में दे सकते है हमारी GosportsIndia की टीम आपकी सहायता करेगी आप अगर स्पोर्ट्स भर्ती ,गेम्स या किसी भी प्रकार की स्पोर्ट्स की जानकारी के लिए हमें कमैंट्स बॉक्स में सुझाव दे सकते है।
धन्यवाद –
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